Saturday 8 December 2012

अंशुमलि आ गए


 
 
अंशुमलि आ गए
सोई धरा को जगाने,
सुगंधि उषा की फैली
नभ लगा मुसकाने
पक्षियों का मधुर कलरव
छा गया परिवेश मे
ऊमीदों के स्व्पन जागे,
नई दुनिया को सजाने..........
सोनिया बहुखंडी गौड़

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